Shiv chaisa Secrets
Shiv chaisa Secrets
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तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
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दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी ।
अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी Shiv chaisa पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।
कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये ।
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥ तुरत षडानन आप पठायउ ।
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥